रामकुमार सेवक
अनुभव कभी भी असत्य नहीं होते |पिछले पचास वर्षों में मुझे अनुभवों की सत्यता का भली भांति अनुभव हुआ है और लगभग रोजाना सत्संग में जो अनुभव सुनने को मिलते हैं उनसे गुरमत के अनुभवों की दृढ़ता और सत्यता उजागर होती है |
12 जुलाई 2024 को अपने भाव व्यक्त करते हुए ब्रह्मर्षि (ब्रह्मलीन महात्मा) श्री वासुदेव राय जी के सुपुत्र
सर्वश्रेष्ठ जी ने युगदृष्टा सतगुरु बाबा हरदेव सिंह जी के युग का एक उद्धरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि दास का पेट्रोल पंप लेने का ध्यान था |पुरानी बात है |नियमानुसार पेट्रोलियम मंत्रालय में आवेदन किया | मंत्रालय की ओर से बुलाया गया तो मैं इंटरव्यू देने गया |
लगभग पंद्रह मिनट तक उन्होंने प्रश्न पूछे |अंत में मैंने आधिकारियों से पूछा कि मेरा आवेदन स्वीकार होगा या अस्वीकार ?
नियमानुसार मुझे अपना उत्तर लगभग एक महीने बाद मिलना था लेकिन उन्होंने बताया कि हमने तो स्वीकार कर लिया है लेकिन अंतिम निर्णय तो ऊपर से होगा |
प्रजातंत्र में ऊपर के अर्थ हम सब भली भॉँति जानते हैं |मेरे पिताजी प्रतिष्ठित पत्रकार थे और एक नज़र के संपादक के रूप में उनकी प्रतिष्ठा अंतर्राष्ट्रीय थी |अनेक देशों में उन्होंने निरंकारी मिशन के प्रतिनिधि प्रचारक के रूप में भी प्रतिष्ठा को बढ़ाया था |
बाबा गुरबचन सिंह जी के युग में निरंकारी मिशन को जो कठिनाईयाँ झेलनी पड़ीं,वह एक अलग इतिहास है |
महात्मा वासुदेव राय जी उस दौर में भी निरंकारी मिशन के समर्पित अनुयाई सिद्ध हुए |
सर्वश्रेष्ठ जी ने अपने पिता वासुदेव राय जी के कुछ प्रसंग भी याद दिलाये |
जब मैं मुज़फ्फरनगर में पढता था तो तब से मेरा आदरणीय वासुदेव राय जी से संपर्क था |मुज़फ्फरनगर में मुझे उन्होंने एक नज़र साप्ताहिक का विशेष संवाददाता भी नियुक्त किया था |
1986 में जब मुझे सन्त निरंकारी मंडल के प्रकाशन विभाग में सेवाएं मिलीं तो महात्मा वासुदेव राय जी का भी विशेष स्नेह हासिल हुआ |
आज सत्संग में सर्वश्रेष्ठ जी के प्रवचन सुनकर उनकी शिक्षाओं की बहुत याद आयी |सर्वश्रेष्ठ जी ने आगे कहा कि घर वापस आकर मैंने सतगुरु बाबा हरदेव सिंह जी से प्रार्थना करने का मन बनाया और सतगुरु बाबा हरदेव सिंह जी के चरणों में उपस्थित हुआ |बाबा जी ने मेरी प्रार्थना सुनी और कहा -
फलां गुरसिख ने भी पेट्रोल पंप के लिए आवेदन किया है |
बाबा जी ने कहा कि-आप पेट्रोल पंप लेने का यह ख्याल छोड़ ही दो |
यह बात मेरे लिए चौंकने वाली थी क्यूंकि बाबा जी अक्सर खुलकर कुछ नहीं कहते थे और गुरसिख की भावना को ज्यादातर स्वीकार करते थे |
मैंने भी पेट्रोल पंप की इच्छा को एक तरफ रख दिया |पेट्रोल पंप का जो आवेदन था उस को न स्वीकार होना था और न हुआ |
पुराने ज़माने में भी एक पेट्रोल पंप के लिए तीस-चालीस से लेकर पचास लाख तक का खर्च अनुमानित था |
आश्चर्य इस बात से भी हुआ कि उस अवधि में जो इस विभाग के मंत्री थे उनके कार्यकाल में जो पेट्रोल पंप लगाने की अनुमति मिली थी वे सारी रद्द हो गयीं और वे सब पेट्रोल पंप बंद हो गए |
आज मैं सोचता हूँ कि पेट्रोल पंप लेने की इच्छा त्यागने को कहकर बाबा जी ने मुझे बचा लिया क्यूंकि यदि मैंने बाबा जी के वचन को न मानकर अपनी मनमत की होती तो आज मेरा बाल-बाल कर्ज में डूबा होता |साथ साथ यह भी सिद्ध हो गया कि अपने विश्वासी गुरसिखों को सतगुरु सदैव बचा लेता है |
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