नेक रस्ते पे हम चलते जायें
राम जैसा हो जीवन हमारा
साथ सच का सदा हम निभायें
इस कदर नेक जज्बा हो दिल में
जो गिरे है उन्हें हम उठायें
प्यार ईंसा से ऐसा करे हम
रोते दिल को हमेषा हंसाये
जोड़ना हो सदा करम अपना
जो है बिछड़े उन्हें हम मिलायें
इस जुबां से करे बात मीठी
दिल किसी का कभी ना दुखायें
नूर सबमें खुदा का समाया
हम किसी को कभी ना रुलाये
नफरतों से हमें क्या है लेना
प्यार से ही ये जीवन बितायें
आज वादा करो तुम तो ‘‘सागर’’
पाक रिष्ता सभी से निभायें
- गोपी डोगरा ‘सागर’
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