हिंदी दिवस की पूर्वसंध्या पर प्रगतिशील साहित्य मंच (दिल्ली) द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन में पढ़ी गयी कवितायेँ (छह) प्यार से है याराना प्यार मेरी जिंदगी 

 

प्यार से है याराना प्यार मेरी जिंदगी 

प्यार है ईमान मेरा प्यार मेरी बंदगी 

 

 

प्यार से समझदारी, प्यार  वफादारी है

प्यार है न व्यापार ,प्यार जिम्मेदारी है 

प्यार से ही नफरत की दूर होती गंदगी

प्यार है ईमान मेरा प्यार,,,

 

प्यार है परमात्मा  प्यार सन्त -महात्मा  

प्यार से ही जीवित हर एक जीवात्मा  

प्यार से कभी भी मिलती नहीं शर्मिंदगी 

प्यार है ईमान मेरा प्यार,,,,,,,,

 

प्यार है विशाल और प्यार बेमिसाल है

प्यार से ही हल सदा , जीवन का हर सवाल है

प्यार जैसी दौलत को पाना असल ज़िन्दगी 

प्यार है ईमान मेरा प्यार,,,,,,,,

 

प्यार ही आदि और प्यार ही अनंत है 

प्यार ही है जन्नत और प्यार ही भगवंत है

प्यार है वो अमृत जिससे अमर है जिंदगी 

प्यार है ईमान मेरा प्यार,,,,,,,,,

 

प्यार ही है गीता और प्यार ही कुरान है

प्यार ही है बाइबिल और प्यार सब जहान है

प्यार मीरा प्यार शबरी तनुजा की भी दीवानगी